उत्तराखंड सामान्य ज्ञान के आज के लेख में उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ में स्थित Mostmanu Temple से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है यदि आप भी इस दिव्य मन्दिर के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें |
MOSTMANU MANDIR PITHORAGARH [ मोस्टमानु मन्दिर पिथौरागढ़ ]
मोस्टमानु मन्दिर उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में पिथौरागढ़ शहर के अधिकांश दिव्य स्थलों में से एक है जो कि समुद्रतल से 1882 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है | मुख्य शहर से इस दिव्य मन्दिर की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है तथा यह पिथौरागढ़ किले के नजदीक स्थित है | वहाँ से सोरघाटी पिथौरागढ़ का सुन्दर दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है | मन्दिर का निर्मल वातावरण शरीर, आत्मा तथा मन को शान्ति प्रदान करता है |
मोस्टमानु मन्दिर भगवान् शिव को है समर्पित
सोरघाटी पिथौरागढ़ में स्थित मोस्टमानु मन्दिर यहाँ स्थित दिव्य स्थलों में से एक है जो कि भगवान् शिव जी को समर्पित है तथा मोस्ट देवता को सोरघाटी क्षेत्र में वर्षा के देवता के रूप में पूजा जाता है | मन्दिर परिसर में पहुँचते ही मन को अपार शान्ति का अनुभव होता है |
प्रतिवर्ष मोस्टमानु मन्दिर परिसर में किया जाता है मेले का आयोजन
स्थानीय लोगों के द्वारा मोस्टमानु मन्दिर परिसर में प्रत्येक वर्ष एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जहाँ पर सोरघाटी तथा आस पास के लोग इस मेले का हिस्सा बनते हैं | स्थानीय लोककथाओं के अनुसार यहाँ एक कथा प्रचलित है कि इस मन्दिर में एक पत्थर है जिसे प्रत्येक इंसान उठाने का प्रयास करता है, जिसमे कुछ लोग सफल होते हैं तथा कुछ असफल | कहा जाता है कि जिसके ऊपर भगवान् शिव का आशीर्वाद होता है वे लोग ही इस पत्थर को उठा पाते हैं | इस चमत्कार के सामने विज्ञान के सिद्धांत भी फेल हो जाते हैं, आज तक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा सके हैं कि उस पत्थर में ऐसी क्या शक्ति है कि बिना शिव मन्त्र के उस छोटे से पत्थर को कोई बाहुवली भी उठाने में सक्षम नहीं हो पाता है |
मन्दिर की स्थापना के पीछे जुडी है एक रोचक कथा
मान्यता है कि मोस्टमानु देवता वर्षा के देवता हैं तथा इन्हें इन्द्र का पुत्र माना जाता है | कालिका मोस्ट देवता की माता हैं और यह भी मान्यता है कि कलिका जी मोस्ट देवता के साथ भू-लोक में निवास करती हैं | भगवान् इन्द्र ने पृथ्वी लोक पर मोस्टमानु को अपना उत्तराधिकारी बनाया | कहा जाता है कि मोस्टमानु देवता यदि रूस्ट हो जाएँ तो वे भी भगवान् शिव की ही तरह सर्वनाश कर सकते हैं |
मोस्टमानु के निकटतम दर्शनीय स्थल
पिथौरागढ़ किला - दूरी 7.2 किलोमीटर
नकुलेश्वर मन्दिर - दूरी 11 किलोमीटर
कपिलेश्वर महादेव मन्दिर - दूरी 13.5 किलोमीटर
ध्वज मन्दिर - दूरी 26 किलोमीटर
चौकोरी - दूरी 88 किलोमीटर
उम्मीद करते हैं कि उत्तराखंड सामान्य ज्ञान का MOSTMANU TEMPLE PITHORAGARH से सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा | हमारा प्रयास यह रहता है कि हम अपने पाठकों को उत्तराखंड से सम्बंधित अधिक से अधिक जानकारी दे सकें, यदि आप उत्तराखंड के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं तो उत्तराखंड सामान्य ज्ञान से जुड़े रहिये |
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