History of Rishikesh in Hindi
योगनगरी के नाम से
दुनिया भर में विख्यात ऋषिकेश, उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में स्थित एक
धार्मिक तथा पर्यटन स्थल है | गढ़वाल हिमालय की तलहटी पर समुद्र तल से लगभग 400
मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह धार्मिक तथा पर्यटन स्थल पवित्र गंगा नदी के
तट पर बसा हुआ है, और प्राकृतिक सौन्दर्यता से परिपूर्ण है | शान्त तथा सुन्दर
वातावरण के बीचोबीच यह धार्मिक स्थल कई विख्यात आश्रमों का घर भी है,जिन आश्रमों में भारतीय तथा विदेशी पर्यटक निवास करते हैं |

योग के प्रशिक्षण और यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता की बजह से ऋषिकेश का नाम सम्पूर्ण विश्व में जाना जाता है, तथा 1960 के दशक से ऋषिकेश को “दुनिया की योग राजधानी” भी कहा जाता है | ऋषिकेश का नाम ऋषिक और एश नामक दो शब्दों के संयोजन से बना है, और यह हिन्दू धर्म के पवित्र स्थलों में से एक है | यह पवित्र स्थल केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेश द्वार भी माना जाता है |
ऋषिकेश से जुडी पौराणिक कथाएं
ऋषिकेश से सम्बंधित पौराणिक तथा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कथा भगवान् शिव से जुडी हुई है | कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान् शिव ने इसी स्थान पर पिया था, तथा विष को पीने के पश्चात उनका कंठ और शरीर नीला पड़ गया था, तब से उन्हें नीलकंठ महादेव के नाम से जाना गया | ऋषिकेश में भगवान् शिव को समर्पित नीलकंठ महादेव मन्दिर भी स्थित है |
पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी बताया जाता है कि यहाँ पर “संत रिहाना ऋषि” का निवास स्थान था, और यहीं पर वे गंगा नदी के तट पर तपस्या करते थे | ऋषि के तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान् विष्णु जी ने संत रिहाना ऋषि को दर्शन दिए थे, तब से इस स्थान को ऋषिकेश के नाम से जाना गया |
रिवर राफ्टिंग के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है ऋषिकेश
ऋषिकेश एक धार्मिक स्थल होने के साथ साथ एक पर्यटन स्थल भी है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में शैलानी पहुँचते हैं | यहाँ पर गंगा नदी के शीतल जल में होने वाली रिवर राफ्टिंग शैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है | साहसिक खेलों में रुचि रखने वाले पर्यटकों को यह स्थान अत्यधिक पसंद आता है | यहाँ आकर पर्यटक यहाँ होने वाली रिवर राफ्टिंग का हिस्सा बनते हैं, और अपनी यात्रा को यादगार बनाते हैं | ऋषिकेश में स्थित शिवपुरी को रिवर राफ्टिंग का केंद्र माना जाता है, यह स्थान ऋषिकेश शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | शिवपुरी आकर पर्यटक रिवर राफ्टिंग के साथ-साथ कैम्पिंग का भी लुफ्त उठाते हैं |
यदि आप ऋषिकेश
आये हैं या भविष्य में कभी भी आने के बारे में सोच रहे है, तो यहाँ आकर रिवर
राफ्टिंग का हिस्सा जरुर बनिएगा, यदि आप एडवेंचर पसंद करते हैं, तो यह निर्णय
आपके जीवन में एक सुखद पल को जोड़ सकता है, जो कि आपको जिन्दगी भर याद रहेगा |
ऋषिकेश के कुछ ऐसे स्थान जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं
Best / top visiting places of Rishikesh in hindi - ऋषिकेश एक खुबसूरत जगह है जहाँ पर्यटक प्राकृतिक सुन्दरता के बीच मन की शान्ति को तलाशते हुए पहुँचते हैं, और यहाँ आकर अपार शान्ति का अनुभव करते हैं | आज हम ऋषिकेश के कुछ ऐसे स्थानों के बारे में जानकारी देंगे जहाँ आकर प्रत्येक पर्यटक आनन्दित हो उठता है |
लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula)
History of Lakshman Jhula in hindi – ऋषिकेश में स्थित लक्ष्मण झूला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है | यह एक सस्पेंसन ब्रिज है, जो कि ब्रिटिश काल में गंगा नदी के ऊपर बनाया गया था | इस पुल की लम्बाई 450 फीट है | मान्यता है कि इस स्थान पर लक्ष्मण जी के द्वारा गंगा नदी को पार करने के लिए जूट का एक पुल बनवाया गया था, जिसे सन 1939 में लोहे के झूलते हुए पुल में तब्दील किया गया था | इस पुल पर खड़े होकर गंगा नदी और ऋषिकेश शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है |
यह पुल ब्रिटिश काल में बना होने के कारण अत्यधिक पुराना हो गया है, जिसकी बजह से विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी गयी कि सुरक्षा की दृष्टि से इस पुल में आवाजाही को रोक दिया जाए |
🔗 लक्ष्मण झूला के समान्तर बन रहा है भारत का पहला ग्लास फ्लोर ब्रिज
शिवपुरी (Shivpuri)
ऋषिकेश से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर एक गाँव स्थित है, जिसे शिवपुरी के नाम से जाना जाता है | गंगा के किनारे बसा यह खूबसूरत गाँव रिवर राफ्टिंग का केंद्र है, यहाँ पर रिवर राफ्टिंग की एक छोटी सी ट्रेनिंग देकर पर्यटकों को रिवर राफ्टिंग करवाई जाती है | शिवपुरी में ही गंगा नदी के दोनों ओर कैम्पिंग के लिए तम्बुओं (tent) की व्यवस्था भी करवाई जाती है, जिनमे रुककर पर्यटक बोर्न फायर का मजा ले सकते हैं |
प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण ऋषिकेश में स्थित यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है | अपने दोस्तों और सगे सम्बन्धियों के साथ शिवपुरी में बिताया गया हर पल पर्यटक हमेशा याद रखते हैं, और प्रत्येक पर्यटक इस स्थान पर पुन: आकर यहाँ फिर से रिवर राफ्टिंग करने की इच्छा प्रकट करता है |
यदि आप ऋषिकेश आये हैं या भविष्य में कभी भी ऋषिकेश आने का प्लान बना रहें है, तो यहाँ आकर रिवर राफ्टिंग का लुफ्त जरुर उठायें |
नीलकंठ महादेव मन्दिर (Neelkanth Mahadev Temple)
Neelkanth mahadev mandir history in hindi – भगवान् शिव को समर्पित उत्तराखंड के ऋषिकेश नीलकंठ महादेव मन्दिर अपने पौराणिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है, यह एक भव्य मन्दिर है जहाँ पर भगवान् शिव की पूजा अर्चना की जाती है | पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह बताया जाता है कि जिस स्थान पर मन्दिर का निर्माण करवाया गया है, उसी स्थान पर भगवान् शिव ने समुद्र मंथन के समय निकले विष को पिया था, जिससे उनका कंठ (गला) तथा सम्पूर्ण शरीर नीला पड़ गया था | इसलिए यह मन्दिर नीलकंठ महादेव मन्दिर के नाम से विख्यात है, और सम्पूर्ण विश्व में महादेव के सभी भक्तों से यह मन्दिर परिचित है |
नीलकंठ महादेव मन्दिर समुद्र तल से लगभग 5500 फीट की ऊँचाई पर स्वर्ग आश्रम पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है | यहाँ प्रतिवर्ष शिवरात्रि के दिन एक विशाल मेले का आयोजन करवाया जाता है, और लाखों की मात्रा में श्रद्धालु इस मेले का हिस्सा बनते हैं |
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