“उत्तराखंड सामान्य ज्ञान” की इस पोस्ट में नैनीताल शहर के 7 मुख्य पर्यटन स्थलों (Top7 Visiting Place of Nainital) के बारे में
जानकारी देने वाले हैं, यदि आप नैनीताल भ्रमण की सोच रहे हैं, तो हमारी यह पोस्ट
आपकी ट्रिप को खुबसूरत बनाने में थोड़ी सहायता कर सकती है, इसलिए इस पोस्ट को अंत
तक जरुर पढ़ें |
About Nainital in Hindi (नैनीताल के बारे में)
भारत के उत्तराखंड राज्य में विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल स्थित है, तथा यह नैनीताल जिले का
मुख्यालय भी है | नैनीताल शहर को सरोवर नगरी तथा झीलों का
शहर के नाम से जाना जाता है | समुद्रतल से नैनीताल की ऊँचाई लगभग 1338 मीटर है | इस नगर के बीचोंबीच एक बहुत
सुन्दर प्राकृतिक झील है | यह झील “नैनी झील”
के नाम से जानी जाती है, तथा यह तीन तरफ से 7 पहाड़ियों से घिरी हुई है | नैनीताल
की खोज 1841 में पीटर बैरन के द्वारा की गयी थी |
Visiting Places in Nainital – नैनीताल में कहाँ घूमें ?
Snow View Point in Nainital (स्नो व्यू , नैनीताल)
स्नो व्यू
पॉइंट नैनीताल नगर का बहुत ही खुबसूरत पर्यटन स्थल है, जो कि समुद्रतल से लगभग 2270 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है | यह नैनीताल
शहर से 3 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी है, तथा इस पहाड़ी पर पहुँचने के लिए रोपवे
(ट्रौली) की सुविधा उपलब्ध है | आप यहाँ पैदल मार्ग द्वारा नैनीताल की ख़ूबसूरती का
आनन्द लेते हुए भी आसानी से पहुँच सकते हैं | Snow
view point पहुँचने के बाद आप हिमालय श्रंखला की बर्फ से ढकी सम्मोहित
कर देने वाली सुन्दर पहाडियों का नजारा देख सकते हैं | हिमालय श्रंखला का मन को
सम्मोहित करने वाला दृश्य अक्टूबर और नवम्बर माह
में देखा जा सकता है, क्योंकि इस समय सम्पूर्ण हिमालय बर्फ से ढका दिखाई
देता है |
स्नो व्यू
पॉइंट से हिमालय पर्वत,नन्दा देवी पर्वत,त्रिशूल
एवं नन्दा कोट की चोटियों का स्पस्ट दृश्य
दिखाई देता है | यह स्थान शेर का डांडा चोटी
के शीर्ष पर स्थित है, तथा नैनीताल नगर की सुन्दरता को निहारने के लिए यह एक
उत्कृष्ट स्थान है | यहाँ पर एक दूरबीन लगायी गयी है, जिसकी सहायता से सम्पूर्ण
शहर के दृश्य को आसानी से देखा जा सकता है |
स्नो व्यू
पॉइंट के नजदीक ही श्री देव सुमन मन्दिर
है, जिसकी हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है | कहा जाता है कि इस मन्दिर में दर्शन
करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं , इसीलिए इस मन्दिर को मनोकामना स्थल के
नाम से भी जाना जाता है |
Naina Devi Temple, Nainital (नैना देवी मन्दिर)
नैना
देवी मन्दिर नगर के बीचों बीच नैनी झील के किनारे स्थित
है | यह मन्दिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में
से एक है | माता सती के मृत शरीर के अंगों में से माता की आँख इस स्थान पर गिरने
से यहाँ पर नैना देवी मन्दिर का निर्माण हुआ | नैना देवी मन्दिर में माता सती की
बायीं आँख की पूजा की जाती है |
प्राचीन नैना
देवी मन्दिर का निर्माण श्री मोतीराम शाह जी
ने करवाया था, लेकिन 1880 के भीषण भू-स्खलन
में यह मन्दिर नष्ट हो गया था |1882 में जमीन में दबी मूर्ती को निकालकर
पुन: मन्दिर का निर्माण करवाया गया था | वर्तमान में नैनीताल के ऊपरी भाग मल्लीताल
में माँ नैना देवी का भव्य मन्दिर है |
![]() |
नैना देवी मन्दिर , नैनीताल |
माता सती के 51 शक्तिपीठों से सम्बंधित पौराणिक कथा :
पुराणों
के अनुसार माता सती तथा भगवान् शिव का प्रेम विवाह
हुआ, जिसकी बजह से माता सती के पिता दक्ष प्रजापति भगवान् शिव और माता सती से
रुष्ट हो गए थे | एक बार दक्ष प्रजापति के द्वारा एक यज्ञ का आयोजन किया गया, और
उस यज्ञ में भगवान् शिव को छोड़कर सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया | भगवान्
शिव का यह अपमान होता देख माता सती यज्ञ स्थल पर पहुँच गयीं, और यज्ञ पूर्ण ना हो
ऐसी इच्छा रखते हुए उस यज्ञ में उन्होंने
आत्मदाह कर लिया, जिससे यज्ञ अपवित्र होकर अधूरा रह गया | माता सती के आत्मदाह के
बाद भगवान् शिव क्रोधित हो उठे, और उन्होंने माता सती के मृत शरीर को अपने कंधे पर
उठाकर तांडव प्रारंभ कर दिया, जिस से पृथ्वी पर विनाश प्रारंभ हो गया |
विनाश होता
देख भगवान् विष्णु ने शिव जी का तांडव रोकने तथा उन्हें शांत करने के लिए माता सती
के शरीर के टुकड़े कर दिए | माता सती का शरीर 51 अलग-अलग टुकड़ों में विभाजित होकर
पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में जा गिरा | जहाँ - जहाँ पर माता सती के अंग गिरे, वहां
एक शक्तिपीठ का निर्माण हुआ | इस तरह माता सती के कुल 51 शक्तिपीठ हैं, तथा
नैनीताल में स्थित “नैना देवी मन्दिर”
माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है |
Nainital Lake (नैनीताल झील)
नैनीताल नगर
के बीचों बीच 3 तरफ से 7 पहाड़ियों से घिरी नैनी झील
1500 मीटर लम्बी, 510 मीटर चौड़ी तथा 30 मीटर गहरी है | नैनीताल झील का आकार नैन
(आँख) के जैसा है , तथा इस झील का नाम नैना देवी के नाम पर ही नैनीझील रखा गया था
|
पौराणिक कथाओं
के अनुसार माता सती की आँख से गिरे आंसू की बजह से इस स्थान पर नैनीझील का निर्माण
हुआ था | नैनीताल झील
में नौकायान का आनन्द लेने देश – विदेश के पर्यटक यहाँ पहुचते हैं | नौकाओं से भरी
यह झील बहुत ही सुन्दर प्रतीत होती है | जैसा की आप जानते हैं कि यह झील 7 ओर से
पहाड़ियों से घिरी है, तो उन पहाड़ियों का प्रतिबिम्ब पानी में बहुत सुन्दर दिखाई
देता है | नैनीताल झील का रात का नजारा देखने लायक होता है, क्योंकि रात में
नैनीताल के घरों और होटलों की लाइटों का प्रतिबिम्ब भी पानी में दिखाई पड़ता है, और
नैनीताल नगरी के साथ साथ नैनी झील भी जगमगाने लगती है |
नैनीताल झील पर्यटन स्थल नैनीताल का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है |नैनी झील का ऊपरी हिस्सा मल्लीताल तथा निचला हिस्सा तल्लीताल के नाम से जाना जाता है | इस झील के दोनों तरफ सड़क है, एक तरफ की सड़क (मुख्य सड़क) माल रोड तथा दूसरे ओर की सड़क ठंडी सड़क के नाम से जानी जाती है | ठंडी सड़क में सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है (किनारे ऊँची पहाड़ी होने के कारण), इसलिए यहाँ हमेशा ठंडा रहता है | यही कारण है कि इसे ठंडी सड़क के नाम से जाना जाता है |
नैनीताल झील पर्यटन स्थल नैनीताल का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है |नैनी झील का ऊपरी हिस्सा मल्लीताल तथा निचला हिस्सा तल्लीताल के नाम से जाना जाता है | इस झील के दोनों तरफ सड़क है, एक तरफ की सड़क (मुख्य सड़क) माल रोड तथा दूसरे ओर की सड़क ठंडी सड़क के नाम से जानी जाती है | ठंडी सड़क में सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है (किनारे ऊँची पहाड़ी होने के कारण), इसलिए यहाँ हमेशा ठंडा रहता है | यही कारण है कि इसे ठंडी सड़क के नाम से जाना जाता है |
Nainital Zoo (चिड़ियाघर, नैनीताल)
समुद्रतल से 2100 मीटर की ऊँचाई पर
चिड़ियाघर,नैनीताल (गोविन्द बल्लभ पन्त उच्च
स्थलीय प्राणी उद्यान) स्थित है | इतनी ऊँचाई पर स्थित यह चिड़ियाघर
हिमालयन काला भालू, रॉयल बंगाल टाइगर, रेड पांडा, साइबेरियन बाघ, तेंदुए, भेंडीये,
सिल्वर तीतर, पहाड़ी लोमड़ी तथा भौंकने वाले हिरणों के लिए प्रसिद्ध है | नैनीताल
चिड़ियाघर शेर का डांडा पहाड़ी में 4693 हेक्टेयर
क्षेत्रफल में फैला हुआ है | चिड़ियाघर का स्थापना वर्ष 1984 है किन्तु दर्शकों के लिए इसे
1 जून 1995 को खोला गया था |
Nainital Zoo Ticket
- प्रति व्यक्ति (13 वर्ष – 60 वर्ष के लिए) – 100 रूपए
- प्रति बच्चा (5 वर्ष – 12 वर्ष के लिए) – 50 रूपए
- वरिष्ट नागरिकों तथा दिव्यांगों के लिए निशुल्क
- विदेशियों के लिए – 200 रूपए
- विदेशियों (बच्चों) के लिए – 100 रूपए
Note – 26 जनवरी, 15 अगस्त, दीपावली, होली तथा प्रत्येक गुरूवार नैनीताल चिड़ियाघर बंद रहता है |
Hanuman Garhi Temple (हनुमान गढ़ी मन्दिर)
हनुमान जी को
समर्पित हनुमान गढ़ी मन्दिर नैनीताल के
निचले हिस्से तल्लीताल से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है | समुद्रतल से इस मन्दिर
की ऊँचाई 1951 मीटर है | इस मन्दिर की
स्थापना सन 1950 में बाबा नीम करोली के
द्वारा की गयी थी, जो कि हनुमान जी के अवतार माने जाते हैं | वर्तमान समय में
हनुमान गढ़ी मन्दिर का भव्य परिसर देखा जा सकता है |
स्थानीय
लोगों के अनुसार मन्दिर परिसर के स्थान पर घना जंगल हुआ
करता था, इसी जंगल में मिट्टी का एक टीला था ,जिसके समीप बैठकर नीम करोली बाबा ने एक वर्ष तक राम नाम जपा था | नीम
करोली बाबा की निष्ठा को देखकर वहां के पेंड पौधे भी राम नाम जपने लगे थे | यह
अद्भुत चमत्कार देखकर नीम करोली बाबा को वहां पर दिव्य शक्ति का अनुभव हुआ, और
उन्होंने कीर्तन करने का निर्णय लिया | कीर्तन
सम्पन्न होने के बाद भंडारे का आयोजन किया गया था | भंडारे के समय प्रसाद बनाते
हुए घी कम पड़ गया, तथा घी की कमी को देखते हुए नीम करोली बाबा ने उस कढाई पर एक
कनस्तर पानी डाल दिया | चमत्कार तो तब हुआ जब वह पानी स्वमं घी में परिवर्तित हो
गया |
Pangot (पंगोट)
नैनीताल से
लगभग 15 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 6300 फीट
की ऊँचाई पर पंगोट नामक एक गाँव है, जो कि बहुत ही खुबसूरत है, और यहाँ की
खूबसूरती पर्यटकों को खूब भाति है | पक्षी प्रेमियों
के लिए यह जगह की स्वर्ग से कम नहीं है, क्योंकि यहाँ पर पक्षियों की लगभग 150 प्रजातियाँ पायी जाती हैं | भिन्न – भिन्न
प्रकार की पक्षियों की प्रजातियाँ इस
स्थान पर पर्यटकों को अपनों ओर आकर्षित करती हैं | आमतौर पर यहाँ ग्रिफौन,रयुफस,
बैली वुड पैकर (कठफोड़वा), फोकटेल तथा तीतर इत्यादि पक्षी देखे जाते हैं |
वैसे तो
नैनीताल का मौसम हमेशा ही सुहाना रहता है किन्तु नवम्बर से फरवरी माह पंगोट घूमने
के लिए उचित माने जाते हैं, क्योंकि इस समय यह स्थान बर्फ की चादर से ढका रहता है
|
Camel’s back Nainital
नैनीताल घूमने
आये हुए पर्यटकों के लिए camel’s back
बहुत ही सुन्दर ट्रैक है | camel’s back की समुद्रतल से ऊँचाई लगभग 2422 मीटर है, तथा यहाँ पहुचने के लिए लगभग 8
किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी होती है | यहाँ पहुचने के बाद सम्पूर्ण नैनीताल का सुन्दर
नजारा देखा जा सकता है | इसे camel’s back के नाम से इसलिए जाना जाता है, क्योकि
यह पहाड़ी ऊँट के पीठ जैसी प्रतीत होती है | यदि आप यहाँ जा रहे हैं तो अपने साथ
कुछ खाने की चीजें और पानी ले जाना ना भूलें , क्योंकि यहाँ रास्ते में कही भी
पानी की व्यवस्था नहीं है |
![]() |
Camel's Back से नैनीताल शहर का सुन्दर नजारा |
Note : कृपया पहाड़ों पर गन्दगी ना फैलाएं और और पेंड-पौधों को नुकसान ना पहुंचाएं | उत्तराखंड के पर्यावरण को साफ़ – सुथरा और सुरक्षित रखने में अपना सहयोग दें
कैसे पहुचें नैनीताल ? [ HOW TO REACH ]
वायुमार्ग (BY-AIR)
नैनीताल
पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा "पंतनगर हवाई" अड्डा है तथा पंतनगर से
नैनीताल के बीच की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है | पंतनगर पहुँचने के बाद नैनीताल के
लिए आप टैक्सी या फिर स्थानीय बसों का प्रयोग कर सकते हैं |
रेलमार्ग (BY-TRAIN)
यहाँ
पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन “काठगोदाम रेलवे स्टेशन” है | काठगोदाम पहुँचने
के बाद नैनीताल जाने के लिए टैक्सी या स्थानीय बसों का प्रयोग किया जा सकता है |
सड़कमार्ग (BY-ROAD)
नैनीताल
सड़क मार्ग द्वारा उत्तराखंड के हर बड़े शहर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है |
उत्तराखंड पहुँचने के बाद हर शहर से नैनीताल के लिए बसों की सुविधा उपलब्ध है |
उम्मीद करते हैं कि “उत्तराखंड सामान्य ज्ञान” की यह पोस्ट (Top7 Visiting Place of Nainital) आपको पसंद आई होगी, यदि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई तो हमसे जुड़े रहने के लिए हमारे Facebook पेज को like कीजिये |Facebook Page Link
यदि आप उत्तराखंड की मनमोहक तस्वीरें भी देखना चाहते हैं, तो “उत्तराखंड सामान्य ज्ञान” के Instagram पेज को follow कीजियेInstagram Link
धन्यवाद
PHOTO GALLERY
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
0 टिप्पणियां
If you have any doubts, Please let me know
Emoji