उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा एक लघु पहाड़ी पर स्थित रानीखेत एक रमणीक पर्यटन स्थल है | रानीखेत की दूरी अल्मोड़ा से 50 किलोमीटर, नैनीताल से 63 किलोमीटर, कौसानी से 85 किलोमीटर तथा काठगोदाम से 80 किलोमीटर है | समुद्रतल से रानीखेत की ऊँचाई 1824 मीटर है , ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यह बहुत ही ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है | यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता और शांत वातावरण ही रानीखेत की पहचान है |
इस क्षेत्र का विकास अंग्रेंजों के शासनकाल में ही सैनिकों की छावनी के लिए कर दिया गया था | रानीखेत कुमाऊ रेजिमेंट का मुख्यालय है | इस छावनी परिसर में सैनिकों को ट्रेनिंग दी जाती है |
रानीखेत के प्रमुख 4 दर्शनीय स्थल
1. कटारमल सूर्य मन्दिर
2. चौबटिया गार्डन
3. बिनसर महादेव मन्दिर
4. गोल्फ कोर्स
कटारमल सूर्य मन्दिर
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में लमगडा ब्लाक के कटारमल नामक स्थान पर उडीसा के कोर्णाक सूर्य मन्दिर के बाद सम्पूर्ण देश में दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मन्दिर स्थित है जिसका नाम कटारमल सूर्य मन्दिर है | यह मन्दिर अल्मोड़ा शहर से 16 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है | कटारमल सूर्य मन्दिर को बाबा आदित्य मन्दिर भी कहा जाता है | समुद्र तल से इस मन्दिर की ऊँचाई लगभग 2116 मीटर है | भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इस मन्दिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है | वास्तुकला की विशेषताओं और खम्भों पर लिखे शिलालेखों के आधार पर इस मन्दिर का निर्माण 13वी सताब्दी बताया जाता है |
कटारमल सूर्य मन्दिर को “बड़ादित्य सूर्य मन्दिर” भी कहा जाता है ,क्योंकि इस मन्दिर में भगवान् आदित्य की मूर्ती किसी पत्थर अथवा धातु की न होकर बड के पेंड की लकड़ी से बनी है | इस मन्दिर का मुख पूर्व की तरफ है और कहा जाता है कि इस मन्दिर का निर्माण मध्यकाल में कत्यूरी राजा कटारमल ने करवाया था |
चौबटिया गार्डन
चौबटिया गार्डन उत्तराखंड के अल्मोड़ा
जिले में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रानीखेत में स्थित है | रानीखेत से लगभग 10
किलोमीटर दूर यह एशिया का सबसे बड़ा फलों का बागीचा है | 265 एकड़ में फैले इस
बागीचे में 36 किस्म के सेब उगाये जाते हैं, तथा कई प्रकार के फूल भी यहाँ पाए जाते
है | फलों तथा फूलों का यह बागीचा रानीखेत में पर्यटन का केंद्र है यहाँ आने वाले
पर्यटक यहाँ की सुन्दरता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं | इस बागीचे में आडू,
पुलम,खुबानी इत्यादि फलों का उत्पादन भी भरपूर मात्रा में होता है | यह एक पिकनिक
स्थल भी है, यहाँ से नंदादेवी,नीलकंठ,नंदाघुंटी तथा तिर्शूल पर्वत चोटियों के साथ
साथ हिमालय की कई पर्वत चोटियाँ अपनी तरफ आकर्षित करती हैं |
बिनसर महादेव मन्दिर
बिनसर महादेव मन्दिर उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित पर्यटन स्थल रानीखेत से लगभग 20 किलोमीटर दूर भगवान् शिव का एक बहुत ही सुन्दर तथा भव्य मन्दिर है | समुद्र तल से मन्दिर की ऊँचाई 2480 मीटर है , तथा यह मन्दिर चारों तरफ से देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है | यह मन्दिर कुन्ज नदी के तट पर स्थित है | भगवान् शिव को समर्पित इस मन्दिर का निर्माण 10 वी सताब्दी में किया गया था | बिनसर महादेव मन्दिर क्षेत्र के लोगों का अपार श्रद्धा का केंद्र है, क्योंकि यह भगवान् शिव और माता पार्वती का पवित्र स्थल माना जाता है |
गोल्फ कोर्स
अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र “कुमाऊँ रेजिमेंट गोल्फ कोर्स” एक बहुत ही सुन्दर पर्यटन स्थल है |यह गोल्फ कोर्स चीड के बृक्षों से घिरा रानीखेत से 5 किलोमीटर की दूरी पर अल्मोड़ा मार्ग पर है | इस मैदान में प्राकृतिक रूप बिछी हुई हरी तथा मखमली घास भारत के पर्यटकों के साथ साथ विदेशी पर्यटकों को भी अपनी तरफ आकर्षित करती है | इतनी ज्यादा ऊँचाई पर स्थित यह गोल्फ कोर्स पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है |
गुलमर्ग के बाद एशिया का सबसे बड़ा तथा सुन्दर गोल्फ कोर्स “कुमाऊँ रेजिमेंट गोल्फ कोर्स” को ही माना जाता है | यह भारत में 9 गढ़ों विशेषता वाला दूसरा सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स है | इसकी नैसर्गिक सुन्दरता को देखते हुए कई फिल्म निर्देशक यहाँ पर अपनी फिल्म की शूटिंग कर चुके हैं |
कैसे पहुचें रानीखेत (How To Reach)?
वायुमार्ग [ FLIGHT ] के द्वारा रानीखेत कैसे पहुचें ?
रानीखेत पहुचने के लिए रानीखेत का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है |रानीखेत और पंतनगर के बीच की दूरी लगभग 115 किलोमीटर है | पंतनगर से रानीखेत पहुचने के लिए टैक्सी की सुविधा होती है | पहाड़ी मार्ग होने के कारण इस दूरी को तय करने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है | रानीखेत पहुचने के लिए स्थानीय बसों का प्रयोग भी किया जा सकता है |
रेलमार्ग [ BY TRAIN ] द्वारा रानीखेत कैसे पहुचें ?
रानीखेत का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो कि रानीखेत से लगभग 85 किलोमीटर दूर है | यह रेलवे स्टेशन देश के बड़े शहरों से रेल मार्ग के द्वारा जुड़ा हुआ है| यहाँ पहुँचने के बाद रानीखेत जाने के लिए आप बस और टैक्सी ले सकते हैं |
सड़कमार्ग [BY-ROAD] द्वारा कैसे पहुचें रानीखेत ?
सड़कमार्ग द्वारा रानीखेत जाने के लिए आपको हल्द्वानी/काठगोदाम पहुचना होगा | यहाँ के लिए बसों तथा टैक्सी की सुविधा भारत के हर बड़े शहर से है |यहाँ पहुचने के बाद आपको फिर से रानीखेत के लिए टैक्सी या फिर बस लेनी पड़ेगी |
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1 टिप्पणियां
thank you for the information
जवाब देंहटाएंit is very helpful for me
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